रिपोर्ट रजनीश सैनी-
उत्तराखंड के जनजातियों में सामाजिक मूल्यों के संरक्षण में शिक्षा एंव साहित्य की भूमिका – एक विमर्श Icssr दिल्ली द्वारा प्रायोजित एंव शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित द्वितीय दिवस में सेमिनार के मुख्य अतिथि के रूप में डा0 नवनीत शर्मा जी हिमाचल सेंट्रल यूनिवर्सिटी उपस्थित रहे डॉक्टर अनिल कुमार स्पीकर धामपुर बिजनौर से , गैस्ट स्पीकर डा0 अलका सैनी, स्पीकर जिज्ञासा यूनिवर्सिटी अलका गौड
आ प्राचार्य डॉक्टर अजीत कुमार राव, आयोजक डॉक्टर के. पी. तोमर जी, डॉक्टर कुलदीप, डॉक्टर विक्की, डॉक्टर सुरजीत कौर, डॉक्टर निशा पाल और महाविद्यालय के अध्यक्ष महोदय डॉक्टर के. पी. सिंह जी, सचिव डॉक्टर हर्ष कुमार , कोषाध्यक्ष डॉक्टर निशांत कुमार सभी ने मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
आज के स्पीकर डॉक्टर नवनीत शर्मा जी ने लोक साहित्य और सांस्कृतिक का क्या संबंध है समाज उसे कैसे जुड़ता है इस पर अपने विचार प्रस्तुत किये। डॉक्टर अलका गॉड जी ने आदिवासी जनजातीय ज्ञान प्रणाली प्राकृतिक चिकित्सा कृषि जैव विविधता आपदा स्वदेशी एवं पारम्परिक सभायता के महत्व आदि पर अपने विचार रखें ।
डॉक्टर अलका सैनी धनोरी पीजी कॉलेज धनौरी से उन्होंने संस्कृति एवं जातियों के विविधता उत्तराखंड की जनजाति शैक्षिक उपलब्धि बताइ। शोधार्थी आंचल सैनी गुरुकुल कांगड़ी मूल्य के संरक्षण में उत्तराखंड का विकास श्रेया गर्ग B.Ed स्टूडेंट ने भोटिया जनजाति सुधरता पर। सरिता चौहान बहादराबाद ने अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत किया
दो दिवसीय सेमिनार की समीक्षा सारांश डॉक्टर अनिल कुमार आर.एस.एम. पी.जी कॉलेज धामपुर से आए स्पीकर ने प्रस्तुत की और उन्होंने संक्षिप्त में दो दिवसीय संगोष्ठी का सार यह निकला की आवश्यकता है जनजाति में शिक्षा के प्रचार और प्रसार की ताकि वह समाज की मुख्य धारा से जुड़ पाए।
महेन्द्र धीमान भाजपा प्रदेश महामंत्री ओ बी सी मोर्चा, श्रीमान जौनी जी जेई लघु सिंचाई आज के मुख्य अतिथि रहे।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर प्रीति गुप्ता ,डॉक्टर राहुल कौशिक , डॉक्टर वर्षा अग्रवाल ने किया।
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